100 प्रतिशत टूटे हुए गैर बासमती चावल का 50 प्रतिशत निर्यात कोटा छत्तीसगढ़ काे देने की मांग

रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नई दिल्ली में वाणिज्य उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और उनसे छत्तीसगढ़ को 100 प्रतिशत टूटा हुआ गैर बासमती चावल का 50 प्रतिशत निर्यात कोटा आवंटित करने का आग्रह किया। इस मुलाकात के दौरान सांसद सुनील सोनी भी साथ मौजूद रहे।
अपने मुलाकात के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने श्री गोयल को बताया कि नीति आयोग की हाल के रिपोर्ट के अनुसार गैर बासमती चावल के निर्यात में छत्तीसगढ़ 21वें स्थान पर है। भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ चावल के 34.75 लाख हेक्टेयर में कृषि होना दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.32 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।
श्री अग्रवाल ने कहा, पिछले वर्ष भारत से 100 प्रतिशत टूटे हुए गैर बासमती चावल के निर्यात में 50 प्रतिशत योगदान अकेले छत्तीसगढ़ का रहा है। भारत सरकार ने 100 प्रतिशत टूटे चावल के निर्यात पर 8 सितम्बर 2022 से प्रतिबंध लगा दिया है। निर्यातकों ने प्रतिबंध के पूर्व से ही अनुबंध हस्ताक्षर कर चुके थे कुछ ने तो हस्ताक्षरित अनुबंध के आधार पर ईसीजीसी कवर प्राप्त कर लिया है, परंतु प्रतिबंध के कारण चावल निर्यात व्यापार जटिल हो गया है। भारत सरकार द्वारा हाल ही में आयात करने वाले देशों की सिफारिश पर कुछ कंपनियों को वस्तु निर्यात के लिए कोटा जारी किया गया है। उन्होंने चावल निर्यात पर छत्तीसगढ़ के योगदान को दृष्टिगत रखते हुए भारत के 100 प्रतिशत टूटे चावल निर्यात की अनुमति देने तथा 100 प्रतिशत टूटे चावल निर्यात में भविष्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 50 प्रतिशत निर्यात कोटा जारी करने का आग्रह किया है।