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नो टेंशन, प्रीपेड स्मार्ट मीटर में नहीं लगेगा झटका, रोज की खपत के हिसाब से 400 यूनिट तक कटेंगे आधे पैसे

रायपुर. राज्य में स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी उपभोक्ताओं को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। प्रदेश में 55 लाख उपभोक्ताओं के पुराने मीटरों को बदलकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इन मीटरों के लगने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 400 यूनिट तक बिजली बिल हॉफ योजना को देखते हुए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने की तैयारी की जा रही है जिसमें रोज की खपत के हिसाब से जब पैसे कटेंगे तो वो पैसे आधे कटेंगे। 400 यूनिट से ज्यादा खपत होने पर पूरे पैसे कटने प्रारंभ हो जाएंगे। इसी के साथ गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अलग सॉफ्टवेयर होगा, क्योंकि उनको बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ नहीं मिलता है।
केंद्र सरकार की योजना के तहत अपने राज्य में भी प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर कर दिया गया है। टेंडर का तकनीकी बीड तो खुल गया है अब रेट का बीड खुलना बाकी है। इसको लेकर मशक्कत चल रही है। इस माह रेट का बीड भी खुलने की संभावना है। रेट बीड फाइनल होने के स्मार्ट मीटर लगाने का काम प्रारंभ होगा।
रोज कटेंगे पैसे
स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता रोज जितनी खपत करेंगे उसके हिसाब से ठीक वैसे ही पैसे कटेंगे जैसे मोबाइल में काटते हैं। अपने राज्य में चूंकि घरेलू उपभोक्ताओं का राज्य सरकार 400 यूनिट तक बिजली बिल हॉफ करती है, ऐसे में यहां पर रोज पैसे कटने से परेशानी होगी। इसको देखते हुए ही पॉवर कंपनी में यह कवायद चल रही है कि इसके लिए क्या किया जाए। अधिकारियों का कहना है, ऐसा साफ्टवेयर बनाने की योजना है जिसमें 400 यूनिट की खपत तक रोज टैरिफ और वीसीए को मिलाकर जितने पैसे होंगे, उसके आधे पैसे कटेंगे। ऐसा होने से किसी तरह की परेशानी नहीं होगा। एक विकल्प माह के अंत में तीस दिनों की खपत के हिसाब से बिलिंग करके रिचार्ज पैसों से बिल काटने का भी है, लेकिन इसमें पुरानी व्यवस्था जैसी स्थिति हो जाएगी और हर माह बिलिंग का काम कौन करेगा। ऐसे में रोज खपत के हिसाब से पैसे कटने के विकल्प को ज्यादा अच्छा माना जा रहा है।
गैर घरेलू के लिए अलग व्यवस्था होगी
गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अलग व्यवस्था करनी होगी, क्योंकि उनको बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ नहीं मिलता है। इसके बारे में अधिकारी कहते हैं, दूसरे राज्यों में जिस साफ्टवेयर के माध्यम से काम चल रहा है, वह गैर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटरों से जोड़ दिया दिया जाएगा, क्योंकि दूसरे राज्यों में बिजली बिल हॉफ योजना नहीं है। ऐसे में कोई समस्या नहीं होगी।

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