बारिश होते ही खपत पहले 52 से हुई 24 साै मेगावाट, पीक आवर में पहुंची वापस पांच हजार मेगावाट तक

रायपुर. प्रदेश में मौसम के तेवर बदले और अचानक हुई बारिश के कारण बिजली की खपत की भी आधी से कम हाे गई। धार आधी हो गई। जहां दाे दिन पहले खपत 52 सौ मेगावाट थी, वह खपत कल दोपहर 1.35 बजे सीधे 2353 मेगावाट पर पहुंच गई। लेकिन इसके बाद शाम को पीक आवर में उद्योगों के चलने से खपत तेजी आई और 7.33 बजे खपत 5049 मेगावाट तक पहुंच गई।प्रदेश में पिछले दो दिनों से मौसम का मिजाज बदल गया है। इसका असर बिजली की खपत पर भी पड़ रहा है। लगातार गर्मी के कारण बिजली की खपत फरवरी से ही आसमान पर है। फरवरी में जहां खपत 53 सौ मेगावाट तक गई है, वहीं मार्च में खपत 52 से 53 सौ मेगावाट तक जा रही है। लेकिन इस खपत की रफ्तार पर शनिवार को मौसम की भारी मार पड़ी और खपत आधी हो गई।
अपना उत्पादन 22 से 23 सौ मेगावाट
छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के कोरबा और मड़वा के संयंत्रों को मिलाकर अपना उत्पादन 22 से 23 सौ मेगावाट हो रहा है। खपत लगातार 52 से 53 सौ मेगावाट होने के कारण सेंट्रल सेक्टर से रोज करीब तीन हजार मेगावाट बिजली ले रहे हैं। सेंट्रल सेक्टर से बिजली लेने के लिए एक दिन पहले शेड्यूल करना पड़ता है। ऐसे में शनिवार के लिए भी पहले से ही शेड्यूल होने के कारण खपत कम हुई थी तो पॉवर कंपनी के पास दोपहर में करीब डेढ़ मेगावाट बिजली सरप्लस हो गई, क्योंकि आमतौर पर दोपहर में खपत गर्मी के कारण चार हजार मेगावट तक रहती है, लेकिन यह खपत ढाई हजार मेगावाट से भी कम हो गई थी।
रायगढ़ में बड़ा ब्रेकडाउन
मौसम की मार से जहां एक तरफ खपत में कमी आई है, वहीं प्रदेश में कई स्थानों पर ब्रेक डाउन भी हुआ है। महासमुंद, सरायपाली की तरफ जहां खंभों पर पेड़ गिरने से बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई, वहीं सबसे बड़ा ब्रेकडाउन रायगढ़ में हुआ है। यहां पर शुक्रवार की रात करीब 2 बजे 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन का तार टूटकर 33 केवी मड़वा, 33 केवी महिंद्रा पावर के ऊपर गिर गया। इसकी वजह से 33 केवी लाइन में तार टूट गया, इससे 33/11 केवी नैला, भाटापारा, पहरिया सबस्टेशन, महिंद्रा पावर, मड़वा प्लांट सब स्टेशन की सप्लाई बाधित रही। ट्रांसमिशन टीम ने तत्काल काम प्रारंभ किया और अब बिजली सप्लाई ठीक हो गई है।