चारों दिशाओं की पदयात्रा में दलितों के घर भोजन कर रहे संत

रायपुर. आमतौर पर यह माना जाता है कि दलितों के घरों पर संत भोजन नहीं करते हैं, लेकिन इस धारणा काे बदलने के लिए ही विश्व हिंदू परिषद की राज्य के चारों दिशाओं से निकली संतों की पदयात्रा में शामिल चारों दिशाओं के संत रास्ते में जिस भी गांव में पहुंच रहे हैं, उनका भोजन दलितों के घरों पर हो रहा है।
यात्रा आदिशक्ति मां के चार दरबारों से एक साथ 18 फरवरी को निकली है। यात्रा का नेतृत्व बम्लेश्वरी से महंत सर्वेश्वर दास कर रहे हैं। इनकी यात्रा अब तक करीब दो सौ किलो मीटर की हो चुकी है। इनकी यात्रा अभी पांडातराई पहुंची है। मां दंतेश्वरी से त्रिवेणी दास के नेतृत्व में निकली यात्रा ने भी करीब ढाई सौ किलोमीटर का सफर कर लिया है। इसकी यात्रा नारायणपुर मार्ग में चल रही है। मां महामाया से परमात्मा नंद के नेतृत्व में यात्रा निकली है। उन्होंने बताया उनकी यात्रा रामानुजगंज होते हुए मनेंद्रगढ़ तक पहुंच चुकी है। अब तक करीब तीन सौ किलोमीटर का सफर तय कर लिया गया है। मां चंद्रहासिनी से यात्रा का आगाज करने वाले राकेश महाराज ने बताया उनकी यात्रा कोरबा से आगे बढ़ गई है। अब तक दो सौ किलोमीटर की यात्रा हो चुकी है।
दलितों के घर भोजन पहली प्राथमिकता
यात्रा का नेतृत्व करने वाले सभी संतों ने बताया, यात्रा जिस भी गांव में पहुंचती है, वहां पहुंचने पर भोजन का समय होने पर भोजन दलितों के घरों पर किया जा रहा है। इसी के साथ गांव-गांव में पंगत भी लग रही है। गांव वालों की मंशा के मुताबिक ही संत खाने खा रहे हैं। राकेश महाराज ने बताया अंबिकापुर के गांव हसूली में दलित परिवार के घर पर भोजन किया। परत्मामा नंद महाराज ने बताया, कई गांवों में दलितों के घरों पर भोजन किया है। हम लोग कोई गिनती नहीं कर रहे हैं। जहां भी दलित परिवार मिल रहे हैं, उनको घरों तक जा रहे हैं, उनसे बात कर रहे हैं, और कहीं भोजन तो कहीं नाश्ता कर रहे हैं।
दलित ही बना रहे खाना
दंतेश्वरी मंदिर से यात्रा का आगाज करने वाले त्रिवेणी दास महाराज ने बताया, उनकी यात्रा में दलित भी शामिल हैं। दलित बहने की खाना बनाने के साथ ही यात्रा में शामिल सभी को खाना भी परोस रही हैं। दलित वर्ग की खाने के लिए चावल, दास सब्जी की व्यवस्था दलित परिवारों से मांग कर कर रहा है।
मानवता की रक्षा करना है
यात्रा के संयोजक महंत सर्वेश्वर दास ने कहा, यात्रा का मकसद हिंदू राष्ट्र के साथ ही मानवता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, आज सनातन धर्म को समाप्त करने की साजिश हो रही है। यानी मानवता को समाप्त करने के प्रयास हो रहे हैं। हम लोगों की यात्रा जिस भी गांव तक जा रही है, वहीं पर लोगों को हिंदू राष्ट्र का संकल्प दिलाने का भी काम कर रहे हैं। हिंदू को जागृत करना और छत्तीसगढ़ से हिंदू राष्ट्र की नींव रखना ही मकसद है। आमतौर पर यही कहा जाता है, संत गांवों तक नहीं जाते हैं, हम लोग ज्यादा से ज्यादा गांवाें तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।