मौसम डेटा स्रोत: रायपुर मौसम
State

बाजार में नकली महंगाई से कर रहे व्यापारी लाखों की अवैध कमाई, लूट रहा है आम आदमी

रायपुर. देश भर में यूं ताे पहले ही महंगाई सातवें आसमान पर है, लेकिन इसी के साथ अब काराेबारी नकली महंगाई का खेल खेलकर भी लाखों की अवैध कमाई करके आम आदमी काे लूटने का काम कर रहे हैं।  बाजार पर किराना सामानों का उत्पादन करने वालों ने सिंडीकेट बनाकर कब्जा कर लिया है। एक-एक सामान काे टारगेट करके महंगा करने का खेल चल रहा है। इतिहास में पहली बार जीरा चार सौ रुपए पार हो गया है। एक माह पहले इसके दाम ढाई सौ रुपए थे। इसके पहले खाद्य तेल, आटा, चावल, घी के साथ कई सामानों के दाम बढ़ाए गए हैं। लगातार बढ़ते दामों के कारण आम आदमी के घर का बजट पहले से 50 से 60 फीसदी ज्यादा हो गया है। हर दिन किसी न किसी सामान के दाम बढ़ रहे हैं। खुद कारोबारी कहते हैं, उत्पादक ही दाम बढ़ाने का खेल कर रहे हैं।कोरोना काल के बाद से लगातार हर सेक्टर में महंगाई की आग लगी है। यह आग लगातार बढ़ती जा रही है। उत्पादक कोई न कोई बहाना बनाकर उत्पादों के दाम बढ़ाते चले जा रहे है। कई बार जायजा वजह भी होती है, लेकिन आमतौर पर ज्यादातर उत्पादों के दाम महज मुनाफाखोरी करने के लिए सिंडीकेट बनाकर बढ़ाए जा रहे हैं।
जीरा पहली बार चार सौ पार
मसालों में मिर्च, धनिया, हल्दी में ताे महज दस फीसदी का ही इजाफा हुआ है, लेकिन जीरा ने तो रिकॉर्ड ही तोड़ दिया है। आमतौर पर जीरा 150-160 रुपए किलो रहता है। लेकिन जीरा की कीमत बढ़ते-बढ़ते अब चिल्हर में 400-420 और थोक में 350-380 रुपए हो गई है। एक माह पहले इसकी कीमत 250 रुपए थी, एक माह में कीमत में डेढ़ सौ रुपए बढ़ी है। जीरे की न तो फसल खराब हुई है और न हीं और कोई कारण है, लेकिन कीमत जरूर लगातार बढ़ रही है।
सबसे पहले खाद्य तेल में खेल
सिंडीकेट ने सबसे पहले खाद्य तेलों में कीमत बढ़ाने का खेल प्रारंभ किया, जो सोया तेल दो साल पहले तक 80 से 90 रुपए लीटर में मिलता था, वह आज 150 रुपए पार हो गया है। दूसरे तेलों के दाम भी बढ़े हैं। सरसों तेल में भी बड़ा खेल हुआ है। इसकी कीमत 100 से 110 रुपए लीटर रहती थी, लेकिन यह तो दौ रुपए के पार जा चुका है। इस समय कीमत 190 रुपए है।
आटा-चावल
आटे की कीमत साल भर में 40 फीसदी तक बढ़ी है। जो आटा पहले 28 से 30 रुपए में मिलता था, वह 40 से 45 रुपए हो गया है। इसी तरह से अच्छे चावल की कीमत 40 से 45 रुपए थी जो अब 55 से 60 रुपए हो गई है। मोटा चावल 35 से 40 रुपए किलो हो गया है।
घी दाे साै रुपए महंगा
घी की कीमत में भी बड़ी आग लगी है। यह तो दो सौ रुपए किलो तक महंगा हो गया है। ज्यादातर ब्रांड के घी 450 से 500 में मिल जाते थे, लेकिन अब कोई भी ब्रांड साढ़े छह सौ रुपए से कम नहीं है। इस समय कीमत 660 से 720 रुपए तक हो गई है।
बिस्कुट सहित कई पैक हुए छोटे
महंगाई की आग में बिस्कुट भी आया है। कई ब्रांड ने कीमत में तो इजाफा नहीं किया है, लेकिन पैक जरूर छोटे हो गए हैं। दस रुपए में पहले सौ ग्राम तक खारा बिस्कुट मिल जाते थे, लेकिन अब ये 50 से 60 ग्राम के पैक हो गए हैं। मीठे बिस्कुट के पैक भी छोटे हो गए हैं। इसी तरह से मिक्चर, चिप्स, कुरकुरे सहित कई आइटमों का वजन कम कर दिया गया है। साबुन, टूथपेस्ट सहित हर आइटमों के दाम 20 से 30 फीसदी बढ़ा दिए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button