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‘आप’ नेताओं की तरफ से विजय नायर ने लिए थे 100 करोड़ रूपये की घूस, कोर्ट में बोली ED

 नई दिल्ली 

दिल्ली सरकार की शराब नीति से जुड़े एक मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार (30 नवंबर) को दिल्ली की एक विशेष अदालत को बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) के कम्यूनिकेशन इन्चार्ज विजय नायर को आप नेताओं को देने के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी।” ईडी ने कहा कि यह पैसा “एक समूह से आया था, जिसे साउथ ग्रुप कहा जाता है। यह ग्रुप सरथ रेड्डी, के कविता, मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा नियंत्रित किया जाता है।” ईडी ने कहा कि हालांकि, अभी तक कविता की पहचान नहीं की जा सकी है।

इसी साल अगस्त में, भाजपा नेताओं प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और विधान परिषद की सदस्य के कविता की दिल्ली शराब नीति को सुविधाजनक बनाने में भूमिका थी। कविता ने तब आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी। प्रवर्तन निदेशालय कहा कि दिल्ली सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों समेत आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली की आबकारी नीति को सरकारी कोष की कीमत पर अवैध धन जुटाने का ”जरिया” मानते थे। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक (पीए) सहित कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में करोड़ों रुपये की ”रिश्वत” के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन को ”नष्ट या इस्तेमाल किया है।”

 ईडी ने कहा, ”इस नीति को तैयार करते हुए जानबूझकर खामियां की गई,  अवैध गतिविधियों को संभव बनाने के लिए एक तंत्र तैयार किया गया और जानबूझकर विसंगतियां की गईं। गहराई से देखने पर यह बात नीति निर्माताओं के गलत इरादों को दर्शाती है।” जांच एजेंसी ने कहा, ”दिखाने के लिए इस नीति का व्यापारियों की गुटबाजी को रोकने और व्यापार के निष्पक्ष तरीकों को प्रोत्साहित करने का सराहनीय मकसद था, लेकिन वास्तव में ‘आप’ के नेताओं की आपराधिक साजिश के कारण इसने पिछले दरवाजे से गुट बनाने को बढ़ावा दिया, अत्यधिक थोक (12 प्रतिशत) और बड़ा खुदरा (185 प्रतिशत) लाभ संभव बनाया और अन्य अवैध गतिविधियों को प्रोत्साहित किया।”

संघीय जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार को ”केवल आप नेताओं के व्यक्तिगत खजाने को भरने के कारण 12 प्रतिशत या 581 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ और नीति में कथित अनियमितताओं के कारण कुल मिलाकर 2,873 करोड़ रुपये (लाइसेंस शुल्क के नुकसान सहित) राजस्व का नुकसान हुआ।” एजेंसी ने शराब कंपनी ‘बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक अमित अरोड़ा की मंगलवार रात गिरफ्तारी के बाद स्थानीय अदालत से उसकी हिरासत का अनुरोध करते हुए ये दावे किऐ। अरोड़ा को बाद में अदालत ने 7 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
 

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