खास खबर: बिजली बिल से बारकोड गायब, फिर हो सकता है बड़ा फर्जीवाड़ा

रायपुर(realtimes) प्रदेश के कुछ जिलों में बिजली बिल जमा करने में इस साल बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। ऐसे में इस तरह से फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए अप्रैल से बिजली बिलों में बारकोड प्रारंभ किए गए हैं। इसके लिए प्रदेशभर के 550 बिजली बिल जमा करने वाले केंद्रों के लिए बार कोड स्कैन करने वाली मशीन भी ली गई है। लेकिन राजधानी के कई इलाकों में पिछले दो माह से स्पॉट बिलिंग करने वाली मशीनों से बारकोड वाले बिल ही नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से किसी बड़े फर्जीवाड़े से इनकार नहीं किया जा सकता है। मशीनों से बारकोड न निकलने के मामले में जहां रीडिंग करने वाले कहते हैं कि डीसी सेंटर से ही बार कोड वाला ऑप्शन लोड नहीं किया गया है, वहीं पॉवर कंपनी के अधिकारी कहते हैं रीडिंग करने वाले सेटिंग नहीं कर पाते हैं, इसलिए उनकी मशीनों में बारकोड वाले बिल नहीं निकलते हैं। उपभोक्ताओं को एसएमएस से भी सूचना देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन ज्यादातर उपभोक्ताओं को एसएमएस से सूचना भी नहीं मिल रही है।
प्रदेशभर के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से ज्यादातर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटरों की स्पाॅट रीडिंग होती है। ये उपभोक्ता अपने बिल जमा करने के लिए जिन डीसी सेंटरों के केंद्रों में जाते हैं, वहां पर ज्यादातर स्थानों में एटीपी मशीन से बिल जमा किए जाते हैं। एटीपी मशीन में बिल जमा करने के लिए वहां पर कार्यरत कर्मचारी को मशीन में बिजली बिल का बीपी नंबर अंकित करना रहता है। इस नंबर को अंकित करने में गलती होने पर बिल किसी दूसरे उपभोक्ता का जमा हो जाता है। जब किसी दूसरे उपभोक्ता के खाते में पैसे जमा हो जाते हैं तो उनको वापस लेने में भारी परेशानी होती है। इसी के साथ प्रदेश के कुछ जिलों में बिजली बिल जमा करने में फर्जीवाड़ा भी सामने आया था, जिसमें उपभोक्ताओं से पैसा लेकर उनके बिल जमा नहीं किए गए थे। इस पर अंकुश लगाने के लिए बिजली बिलों में बारकोड प्रारंभ किया गया है।
बारकोड गायब
आम तौर पर बिजली के उपभोक्ता बिजली बिल के बारकोड पर ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन जब रियल टाइम्स ने इस मामले की पड़ताल की ताे जानकारी मिली है कि बिजली बिलों में पिछले दो माह से बारकोड गायब है। इस संबंध में रियल टाइम्स ने जब पॉवर कंपनी के अधिकारियों से बात की तो पहले तो वे मानने ही तैयार नहीं हुए कि बिलों में बारकोड नहीं है, लेकिन जब उनकाे जानकारी दी गई तो उन्होंने इस गलती को रीडिंग करने वालों की बता दिया कि रीडर अपने मोबाइल में प्रिंटर की सेटिंग ठीक नहीं करते हैं तो बार कोड नहीं आता है। कुछ रीडरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूरी सेटिंग साफ्टवेयर से डीसी सेंटर में होती है, वहीं से सेटिंग न होने पर ही बार कोड नहीं आ रहा है। एक रीडर ने बताया उनकी आईडी में बार कोड वाले बिल नहीं निकल रहे हैं, जबकि उनके एक साथी की आईडी में बारकोड बिल निकल रहे हैं। रीडरों का कहना है कई रीडरों के प्रिंटर से बारकोड वाले बिल नहीं निकल रहे हैं।