
रायपुर(realtimes) प्रदेश के साथ देश भर के स्टील उद्योग के साथ ही नान पावर सेक्टर के उद्योगों काे काेयले के पुराने लिंकेज में बड़ा झटका लग गया है। इसके लिए केंद्र का कोल मंत्रालय तैयार नहीं हुआ है। उद्योगों को अब नया लिंकेज कराना हाेगा। इसमें करीब 50 फीसदी ज्यादा का फटका लगेगा। केंद्रीय कोल मंत्रालय ने कोल इंडिया को नए रेट से इस माह आक्शन करके लिंकेज करने के निर्देश दिए हैं। नए लिंकेज से उद्योगों को कोयला 50 फीसदी महंगा पड़ेगा।
प्रदेश के स्पंज आयरन उद्योगों को भी कोल इंडिया के एसईसीएल से कोयला मिलता है। इनका पांच साल का लिंकेज समाप्त हो गया और इनको इस साल अप्रैल से कोयला मिलना बंद हो गया। जिन उद्योगों का मार्च का बैकलॉक कोयला बचा था, वह मिला है। इसके बाद से लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि पुराने लिंकेज का कोल इंडिया स्पंज नवीनीकरण कर दे। इसके लिए कोल इंडिया के चेयरमैन से बात करने पर उन्होंने केंद्र सरकार की अनुमति पर इसको टाल दिया था। इसके बाद लगातार उद्योग केंद्र सरकार से मांग करते रहे कि उनको काेयला दिलाने के लिए लिंकेज का नवीनीकरण किया जाए। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश के उद्योगों की कोयले की समस्या का निराकरण करने के लिए लिखा था। केंद्र सरकार के कोल मंत्रालय से लेकर स्टील मंत्रालय में बैठकों के बाद अब जाकर तय हुआ है कि नॉन सेक्टर के उद्योगों को कोयला दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए नया आक्शन होगा और रेट भी नया होगा।
प्रति टन पर डेढ़ हजार का फटका
कोयले के लिए नया आक्शन होने पर इसकी कीमत में करीब डेढ़ हजार का इजाफा हो जाएगा। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी के मुताबिक पुराने लिंकेज में जो कोयला मिलता था, वह खदानों से औसत दो हजार रुपए टन पड़ता था। रायल्टी और भाड़ा मिलाकर यह तीन हजार में घर पहुंचकर पड़ता था। ले