तेलंगाना बिजली कंपनी 600 करोड़ और देने तैयार, अब देगी 21 सौ करोड़

रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी का तेलंगाना बिजली कंपनी द्वारा 36 साै कराेड़ बकाया पूरा न देने के मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में आपत्ति करने का नतीजा सामने आने लगा है। अब तेलंगाना ने 15 साै कराेड़ के बाद छह साै कराेड़ और देने पर हामी भरी है।
छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी द्वारा लगातार बिजली देने के बाद भी वहां से नियमित भुगतान न हाेने की वजह से तेलंगाना पर सात सालों में 36 साै कराेड़ का उधार चढ़ गया है, इसकाे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है, क्याेंकि तेलंगाना कंपनी यह मानने ही तैयार नहीं है कि बकाया 36 सौ करोड़ है। पहले उसने 15 सौ करोड़ का ही बकाया माना। इस मामले में प्रदेश की पॉवर कंपनी ने जहां पूरा बकाया न देने को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में आपत्ति दर्ज कराई है, वहीं बिजली भी देने से इनकार कर दिया है।
मड़वा की पूरी बिजली गई तेलंगाना काे
राज्य पॉवर कंपनी की मड़वा में जो 500 मेगावाट की दो यूनिट है, उसके प्रारंभ होने से पहले ही भाजपा शासनकाल में इन यूनिट से बनने वाली पूरी बिजली तेलंगाना को देने का अनुबंध हो गया था। इन यूनिट में जब सात साल पहले उत्पादन प्रारंभ हुआ तो इसकी पूरी बिजली तेलंगाना को दी देना प्रारंभ किया गया। तेलंगाना को लगातार बिजली तो दी गई लेकिन किसी ने यह जानने का प्रयास ही नहीं किया कि वहां से उसका पूरा भुगतान हो रहा है या नहीं।
कांग्रेस सरकार की कवायद रंग लाई
जब प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी तो 2019 में इस तरफ कंपनी के नए अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर ध्यान दिया तो जानकारी हुई कि तेलंगाना पर तो दो हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया हो गया है। इसके बाद इसकी वसूली के प्रयास प्रारंभ हुए। उस समय अध्यक्ष ने तेलंगाना का दौरा भी किया, वहां की पॉवर कंपनी के साथ सरकार से भी बात की। तब फैसला हुआ था कि तेलंगाना जितनी बिजली हर माह लेगा उसका भुगतान करने के साथ पुराना बकाया में से भी कुछ भुगतान करेगा। ऐसा कुछ समय हुआ भी, लेकिन यह सिलसिला ज्यादा नहीं चला और जहां पुराना बकाया नहीं मिला, वहीं बढ़कर 36 सौ करोड़ के पार हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य वितरण कंपनी के एमडी मनाेज खरे के मुताबिक तेलंगाना की पॉवर कंपनी ने पहले 15 सौ करोड़ ही बकाया होना स्वीकार करके किस्तों में भुगतान देना प्रारंभ किया है। हमने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को 36 सौ करोड़ का बकाया होने और इसका भुगतान न करने के लिए आपत्ति दर्ज कराई है। इसके बाद अब तेलंगाना ने 600 करोड़ और देना कबूल किया है।